क्या आप व्रिश्चक राशि  के स्वभाव ,गुण, कारोबार निर्माण  ,शरीर ,बीमारियां,के बारे जानते हैं

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क्या आप व्रिश्चक राशि  के स्वभाव ,गुण, कारोबार निर्माण  ,शरीर ,बीमारियां,के बारे जानते हैं          

                 वृषचिक राशि को अंग्रेजी  में  (Scorpio) कहते है |  वृश्चिक राशि में तीन  नक्षत्र (Vishakha, Anuradha,Jyeshtha, ) | आते है | इस राशि का चिन्ह बिछु है ,और इस राशि का स्वामी मंगल   है। यह राशि 8वां भाव में  आती  है और इसे  दुःख  भाव भी  कहा जाता है।अष्टम भाव  छुपी हुई बुरी आदतों  का और षड्यंत्र का है ,इस कारण इस राशि के जातक  में साजिश रचने, षड्यंत्र   करनाआदि बातें भी दिखाई देते हैं | वृश्चिक राशि जल तत्व की राशि होने के कारण यह  लोग अपने दुख से बेहद दुखी होते हैं ,किंतु अपने सुख के लिए किसी की परवाह नहीं करते|   वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल होने के कारण यह लोग मेहनती  स्वभाव ,अच्छी इच्छा शक्ति , मगर अपने आप पर काबू नहीं पाने वाले  और हाथ में लिए हुए काम को पूरा करने की लगन का अभाव ,कभी-कभी ढोंगी , झूठी  बातें करने वाले भी देखे जाते हैं  | वृश्चिक राशि का चिन्ह बिच्छू होने के कारण यह  राशि जहरीली ,  तुरंत गुस्से होनेवाले, अकेलापन पसंद और दूसरे लोगों के खिलाफ षडयंत्र रचने वाली है  | वृश्चिक राशि वालों में शरीर सुख की बेहद चाह  देखी जाती है  ,लेकिन यह  लोग जो चाहते हैं उन्हें आसानी से  वह नहीं मिल पाता |  ,इन्होंने जो भी पाना होता है ,  वो दूसरों से छीन लेते हैं  | वृश्चिक राशि के जातकों का  शरीर  गठीला और शक्तिशाली होता है | , इनका संबंध मंगल ग्रह से  है, इस कारन इन जातको में ऊर्जा बहुत होती है | मंगल के कारन लड़ाई झगड़ा करने की पर्विर्ति  ,और  इनमे  अहंकार भी पाया जाता है  |  

स्वभाव: गुण

  • वृश्चिक राशि के जातक आत्मविश्वासी, साहसी, उत्साही और संघर्षी प्रवृत्ति वाले होते हैं।
  • इनका चिन्ह वृश्चिक (scorpio) होता है, जो उनकी गहराई और साहस को सूचित करता है।
  • वे अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए कठिनाइयों का सामना करने में सक्षम होते हैं और उन्हें मुश्किल से डर नहीं लगता।
  • इनका विचारशील और गहरा स्वभाव होता है, और वे रहस्यमयी बने रहने में रुचि रखते हैं।वृश्चिक राशि के जातक प्रतिबंध और समर्पित होते हैं।
  • उनमें आत्मसमर्पण की ऊर्जा होती है और वे अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कठिनाइयों का सामना कर सकते हैं।
  • वे अपने उद्देश्यों की प्राप्ति में कोई भी माध्यम अपना सकते हैं, चाहे वह शारीरिक शक्ति हो या मानसिक बल।

शरीर:

  • वृश्चिक राशि के जातकों का शरीर मुख्यतः तंतु-मुख्यतः होता है, और उनके आंतरिक अंगों का विकास अच्छा होता है।
  • वे अक्सर मुख के क्षेत्र में प्रभावशाली होते हैं और उनकी आँखें भी आकर्षक होती हैं | 
  • , शरीर की गुप्त इन्द्रियं  का बाहरी हिस्सा, अंतर पूंछ ,,योनि ,पर भी इस राशि का अधिकार है | 

कारोबार: निर्माण  :

  • वृश्चिक राशि के जातक कारोबार में भी अद्वितीय और संघर्षी प्रवृत्ति दिखाते हैं।
  • वे वित्त, निवेश, बीमा, चिकित्सा इत्यादि के क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
  • उन्हें व्यापार में गहरा ज्ञान और समझ होती है, जो उन्हें सक्सेस की दिशा में मदद करता है।
  • वृश्चिक राशि का चिन्ह बिच्छू होने के कारण, जहर, जहरीली चीज ,कीटनाशक दवाइयों के उत्पादन की फैक्ट्री, बेहोशी की दवा, नींद की गोलियां बनाने की फैक्ट्री, अष्टम स्थान लिंग से संबंधित अतः यौन क्रिया में उत्तेजना बढ़ाने वाली दवाइयों का निर्माण,पर इस  राशि का अधिकार है |  अष्टम भाव मृत्यु दर्शन स्थान होने के कारण और मंगल के कारण बंदूके ,  विस्फोटक , हथियार, पटाखे  ,सुरंग  ,केमिकल पेट्रोल केरोसिन  | वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल भूमि कारक और वृश्चिक राशि अष्टम भाव में जो गुप्तता  की  दर्शक  है, इस कारण जमीन के अंदर होने वाली मूंगफली, आलू , कंद मूल जैसे उत्पाद ,|  मंगल उत्तेजित होने के कारण शराब जैसे पेयजल,  मंगल की गर्मी के कारण बॉयलर, गीजर ,अग्निशमन के साधन ,मंगल ऊर्जावान होने के कारण पुलिस, सिपाही, फौजी, जासूस,  ड्रेनेज विभाग ,सफाई विभाग ,गटर  ,पशुवध  गृह और चमड़े का निर्माण करने वाले और कसाई, नई, सर्जन  अदि |  मंगल मैकेनिकल  चीजों का कारक हैअत हर तरह के इंजन बनानेकी फैक्ट्रियां  ,इंश्योरेंस एजेंट या फायर ब्रिगेड में नौकरीअदि निर्माण और कारोबा  रवृश्चिक राशि के अधीन आते हैं | 

वृश्चिक राशि के अधीन स्थान |

        राशि वृश्चिक राशि अष्टम भाव में और गंदे जल की  कारक होने के कारण गटर, पशु वध गृह ,हथियारों के गोदाम ,गन हाउस,   विस्फोटक, पटाखे बनाने के कारखाने, दलदल जैसी गंदी जगह, टॉयलेट, बाथरूम, वेश्याओं के रहने वाले स्थान, जूते की दुकान, खदान  अदि स्थान  पर इस राशि का अधिकार है | 

बीमारियां:

  • यह राशि अपनी अच्छी स्वास्थ्य के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन कभी-कभी वे तनाव और चिंता के कारण मानसिक तनाव और थकान का सामना कर सकते हैं।
  • उन्हें अपनी जीवनशैली पर ध्यान देना चाहिए, ताकि ये समस्याएं न हों।
  • वृश्चिक राशि कुदरत कुंडली में आठवें भाव में आती है, इस भाव से देखा जाने वाला योनि मार्ग तथा बाहरी लिंग पर प्रभाव के कारण स्त्रियों को मासिक धर्म की  शिकायत, रक्त प्रदर ,श्वेत प्रदर अदि बीमारियां ,गुप्त रोग, इस राशि वाले लोगों के अजीब यौन आदतों के कारण होने वाले यौन रोग | 

 

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