मेष राशि का स्वभाव ,शरीर के हिस्से ,बीमारियां, निर्माण, कारोबार, स्थान |
मेष राशि का परिचय|
काल पुरुष की कुंडली में 12 राशियां होती हैं | जिसमें पहली राशि मेष राशि होती है | इस राशि का स्वामी मंगलऔर कुदरत कुंडली में जय राशि प्रथम स्थान में आती है | प्रथम स्थान साधारणता पूरे शरीर को निर्देशित करता है | मेष राशि की आकृति ,चिन्ह जो है वह एक भेड़ का है | जो ऊपर ना देख कर जमीन पर ही देखती है| मेष राशि थोड़ी प्रशासक की नेचर की होती है यह जमीन से जुड़ी होती है | यह लोग कुछ भी करें मगर उनका ध्यान जमीन पर ही रहता है| शरीर में चेतना ना हो तो क्या बचता है, केवल मिट्टी, इसलिए मेष राशि भूमि कारक, मिट्टी से संबंध रखने बलि है | मेष राशि का स्वामी मंगल होता है ,मंगल अग्नि तत्व का होने के कारण इसमें भी अग्नि और तेज गर्मी है ,इस मेष राशि वाले लोग एक दम एक्शन लेने वाले होते हैं मेष राशि निडर ,साहसी , विश्वास से परिपूर्ण ,फिर भी कुछ हल्की सोच वाली है | कुंडली के पहले भाव से देखे जाने वाला शरीर का हिस्सा सर मेष राशि के अधिकार में है अतः हमेशा ऊंचे स्थान पर रहने की चाह ,अपनी अलग सोच , किसी ,पर भी विश्वास किए बिना अपने बलबूते पर काम करने वाली मेष राशि होती है | यह राशि जल्दबाजी में और दृढ़ता से निर्णय लेने वाली होती है |
इस राशि की कुछ बुराइयां हैं ,जो इस प्रकार हैं ,मंगल के प्रभाव के कारण तेज गुस्सा, अहंकारी ,स्वार्थी तथा लड़ाकू पान होता है साथ ही इस राशि में जल्दबाजी और कभी-कभी मूर्खतापूर्ण फैसला करने की आदत भी देखी जाती है|
मेष राशि के अधीन शरीर के हिस्से| ,
मेष राशि काल पुरुष की कुंडली में प्रथम भाव आरंभ में आती है अतः दिमाग, सिर का ऊपरी और अंदरूनी हिस्सा, नाक के अलावा चेहरे के अन्य हिस्से पर इस राशि का अधिकार होता है| साथ ही मनुष्य के शरीर में चलने वाला खून हीमोग्लोबिन, अंदरूनी रस पर इस राशि का अधिकार है |
मेष राशि से संबंध बीमारियां |
मेष राशि काल पुरुष की कुंडली में प्रथम भाव में आती है, अतः सर में दर्द, सर के अंदरूनी हिस्से की बीमारियां, निंद्रा का ना आना, मंगल स्नायु से संबंधित अथवा स्नायु की शिथिलता , पैरालिसिस,, मंगल शास्त्र से संबंधित अंतः जख्म होना, शरीर के किसी हिस्से पर चोट लगना ,शरीर के किसी हिस्से का काटन और सिर में चोट लगना या सर की अंदरूनी बीमारियां , ब्लड प्रेशर ,खून का काम होगा, मंगल अग्नि कारक तत्व का ग्रह हैअतः जालना ,शरीर की जलन, एसिडिटी, बहुत तकलीफ देने वाली बीमारियों की कारक भी मेष राशि और मंगल है|
मेष राशि से संबंधित निर्माण कार्य|
मेष राशि का स्वामी मंगल जो विस्फोटक चीजों से संबंधित है अतः पटाखे। बम ,बंदूकऔर हर तरह का असला | , मेष राशि एक चर राशि है अतः रेल की पटरी, गाड़ियां ,मोटर्स के इंजन| जहाज के इंजन किसी भी तरह का मैकेनिककल काम | मेष राशि का स्वामी मंगल भूमि का कारक अतः मिट्टी या पत्थरों के इस्तेमाल से बनने वाले घर, बंगले , कंस्ट्रक्शन का काम ,तांबा अथवा स्टील जैसी धातुओं का निर्माण, मेष राशि का स्वामी मंगल तीखा ग्रह है अतः कांटेदार तीखी सख्त शिल्के वाली मसालेदार चीजें मेष राशि का स्वामी मंगल ग्रह और मंगल ग्रह के लगभग सारे गुण और दोष मेष राशि में दिखाई देते हैं| मंगल ग्रह बहुत शक्तिशाली ग्रह है और उमंग से भरा हुआ है साथ ही मेष राशि चर तत्व की, पहले भाव से संबंधित राशि है, मेष के ये गुण मंगल को बढ़ावा देने वाले हैं अतः यहां शक्ति और धीरज के साथ शस्त्र की बात जैसे पुलिस, सिपाही,पैरामिलिट्री फोर्स ,डॉक्टर ,जूडो कराटे ,बॉक्स,र ,कुश्ती से जुड़े कारोबार ,इंजीनियर, दर्जी लोहार ,जुलाहा, घड़ियां ,अथवा मशीन रिपेयर करने वाले फिटर कैंची, नुकीले लोहे या स्टील के औजार, ईंट बनाने वाले भठे , फायर ब्रिगेड दल | , मेष राशि का स्वामी मंगल शक्तिवर्धक है इसलिए खेलों के मैदान से संबंधित काम ,खेलों के स्थान , कंस्ट्रक्शन का काम, जमीन की खरीद बिक्री का काम, मंगल का रंग लाल है अतः गर्मी से जलने वाली जा जलती हुई चीज, रियल एस्टेट का काम ,| मंगल के तीखे गुण के कारण गर्म और तीखी चीजों का कारोबारऔर इसको बनाने वाली फैक्ट्रियां यह सब मेष राशि और मंगल के अधिकार में है|
मेष राशि से संबंधित स्थान |
मेष राशि का स्वामी मंगल भूमि जमीन का कारक है इसलिए कम पानी वाली जमीन, सूखी जमीन, रेत वाली जमीन और फसल के लिए उपजाऊ जमीन यह सब मेष राशि के स्थान हैं | मेष राशि काल पुरुष की कुंडली में प्रथम स्थान में आती है अतः घर की छत पर पहाड़ों की चोटियों पर मेष राशि का अधिकार होता है|
निष्कर्ष |
मेष राशि काल पुरुष की कुंडली में प्रथम भाव में होने से मनुष्य के सिर का हिस्सा और चेहरा मेष के अधिकार में है | मंगल के कारण यह राशि थोड़ी गर्म मिजाज की होती है| इसकी आकृति भेड़ की होने के कारण यह राशि वाले ऊपर ना देखकर जमीन पर हीअपनी निगाह रखते हैं | मेष राशि वाले जल्दबाजी और कभी-कभी मूर्खतापूर्ण फैसला करने से नुकसान में भी जाते हैं | मेष राशि कभी निराशाबादी नहीं होती यह राशि थोड़ी डरती भी है| मेष राशि का स्वामी मंगल होने के कारण इस राशि में शक्ति और ऊर्जा बहुत पाई जाती है | यह राशि निडर, आत्मविश्वास से परिपूर्ण है
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