पंचम भाव [ पंचम घर] से क्या-क्या देखा जाता है ?

Spread the love

पंचम भाव [ पंचम घर] से क्या-क्या देखा जाता है ?

 काल पुरुष कुंडली में पंचम स्थान में सिंह राशि आती है जिसका स्वामी सूर्य है इसलिए पंचम भाव पर सूर्य और सिंह राशि का प्रभाव देखा जाता है | 

पंचम भाव से देखे जाने वाले शरीर के हिस्से |  

             पंचम भाव में सिंह राशि आती है जिसका स्वामी सूर्य है सूर्य रीड की हड्डी का कारक है और जो शरीर में परमात्मा का अंश आत्म ज्योति होती है, उस आत्मा का कारक सूर्य है, इस कारण इस भाव से आत्मा को देखा जाता है, आत्म तेज भी पंचम से देखा जाता है | 

पंचम भाव से देखे जाने वाले कार्य | 

            पंचम भाव पूर्व जन्म के पुण्य कर्म का भाव है और यह क्रिएशन का भाव है कारण एक आत्मा से दूसरी आत्मा का निर्माण अर्थात संतान इस भाव से देखी जाती है | अतःसंतान से जुड़े सभी सवाल पंचम भाव से ही देखे जाते हैं ,और आत्माअर्थात ईश्वर काअंश जो परम प्रेम का महासागर है ,इस कारण इस भाव से ही सच्चा प्रेम देखा जाता है अर्थात ,प्यार के ,अफेयर के, सभी मामले और सभी सवाल इस भाव से ही देखे जाते हैं | तंत्र मंत्र की साधना  भी पंचम स्थान से ही देखी जाती है | कुछ लोगों के मन को आत्मा और ईश्वर भक्ति में खुशी मिलती है और कुछ लोगों को  फिल्में ,नाटक, खेल, खेल के मैदान में खेल कर ,खुशी मिलती है ,इस कारण इस भाव से फिल्म ,नाटक, खेल के मैदान, फिल्मी कलाकार, डायरेक्टर ,प्रोड्यूसर ,मन  को खुश करने वाले  कुदरती  फुल, पत्ते, रंग, चित्र,अदि  यह सब चीज पंचम भाव से ही देखी जाती हैं | कुंडली कै पंचम भाव से ही रीड की हड्डीऔर हृदय देखा जाता है | आत्मा और दिल  भी इसी भाव से देखा  जाता  है यह तीनों जब एक होकर काम करते हैं तब ईश्वर की सच्ची साधना होती है |  इस कारण इस भाव से ही साधना, तपस्याऔर पढ़ाई ,बुद्धि  देखी जाती हैं | इस भाव से ही शेयर मार्केट में और जुए  में सफलता या  असफलता देखी जाती है | 

पंचम भाव से देखी जाने वाली  अन्य बातें | 

             पंचम भाव से ही हर तरह के नाटक, नृत्य, कला, पेंटिंग, फिल्में, फिल्म की स्टेज, फिल्म स्टूडियो ,नृत्य के मंच, हर तरह के खेल के मैदान, खेल के साधन ,खिलौने ,फूलों के पौधे,कैसीनो, रेसकोर्स, जुए  के अड्डे, जुए में इस्तेमाल होने वाले ताश ,पेंटिंग, चित्र ,प्रेम के मामले, किसी झगड़े में कोई समझौता, किस बीमारी में बीमारी से राहत, बीमारी का ठीक होना ,वेद की पढ़ाई, वेद शास्त्र, मंत्र, तंत्र की साधना, ईश्वर ज्ञान, पूर्व पुण्य कर्म ,पुण्य की कल्पना, संतान और संतान का प्रेम भी इसी भाव से देखा जाता है|  संतान की सेहत इसी भाव से देखी जाती है | 

पंचम भाव से जातक  के संबंधित लोगों को मिलने वाला फल | 

             किसी भी जातक की  कुंडली के पंचम भाव से उसके छोटे भाई बहनों की यात्रा और छोटे भाई बहनों के शिक्षा में आने वाले बाधाएं  और जातक की माता का धन ,परिवार में वृद्धि ,तथा माता का मारक  स्थान, पंचम भाव से जातक  की संतान का स्वास्थ्य और  पति या पत्नी  का लाभ, जातक  के पिता की विदेश यात्रा और पिता के  कोर्ट कचहरी के फैसले भी इसी भाव से देखे जा सकते हैं | इसी पंचम भाव से जातक के बड़े भाई बहन और दोस्तों के कारोबार, उनकी पत्नी या पति के बारे में  इस भाव से देखा जा सकता है || 

किसी देश जहां राज्य की कुंडली से पंचम भाव से देखे जाने वाले फल | 

            किसी देश या  राज्य के कुंडली के पंचम भाव से उनके अन्य देशों के साथ रिश्ते, उनको मिलने वाली विदेश की सहायता, देश की धार्मिक उन्नति की स्थिति और देश के बच्चों का भविष्य, बच्चों के बाल संगोपन केंद्र, देश या राज्य के खेलकूद में होने वाली तरक्की, उनके लोगों का कला  के प्रति आकर्षण, देश या राज्य का कर्ज  के रूप में दिया गया ब्याज भी इसी भाव से देखा जा सकता है |  और देश या राज्य में कुदरती  हालात कैसे रहेंगे यह सब  कुछ देश या राज्य की कुंडली के पंचम भाव से देखा जा सकता है | 

कुंडली के पंचम भाव से देखे जाने वाले विरोधी फल | 

            जातक की कुंडली का यह पंचम भाव, कुंडली के छठे भाव का व्य स्थान है ,अथवा छठा स्थान से देखी जाने वाली नौकरी, धन कमाना ,किसी प्रतियोगिता में शामिल होकर सफलता ,और बीमारियां ,इन  सब मामलों के विरोधी फल पंचम भाव से देखे जा सकते हैं|  जैसे नौकरी में बदलाव, नौकरी का चले जाना या नौकरी न मिलना ,सामने वाले से मिलने वाले पैसे की हानि, पार्टनर से होने वाला धोखा, और किसी बीमारी का ठीक हो जाना और अच्छा स्वास्थ्य भी इस पंचम भाव से देखा जा सकता है | 

पंचम भाव से देखे जाने वाले घर के स्थान | 

           पंचम भाव से घर में रसोईघर, रसोई का स्थान देखा जाता है |

2 thoughts on “पंचम भाव [ पंचम घर] से क्या-क्या देखा जाता है ?”

Leave a Comment