क्या आप कन्या राशि के बारे में जानना चाहते हैं ?
कन्या राशि वालों के लक्षण शरीर के हिस्से कारोबार बीमारियां और कन्या राशि के स्थान|
कन्या राशि वालों के लक्षण और गुण |
कन्या राशि काल पुरुष कुंडली में छठी राशि है | और कन्या राशि का स्वामी बुध है ,कन्या राशि का तत्व भूमि है | कन्या राशि पर बुद्ध का अधिकार होने के बावजूद कन्या राशि वालों में मिथुन राशि जैसी बुद्धि का अभाव होता है | कन्या राशि वाले मिथुन राशि जैसे चतुरचालाक नहीं होते ,कन्या राशि वाले ज्यादा बड़ी बड़ी बातें करते हैं और कुछ भुलक्कड़ भी होते हैं और बिना मतलब के बढ़ा चढ़ा कर बातें करने कि उनमें आदत होती है | कन्या राशि वाले केवल किताब की बातों पर निर्भर करने वाले होते हैं ,यह लोग प्रैक्टिकल नहीं होते ,इनमें किसी से प्रतियोगिता करने का अभाव होता है | कन्या राशि वाले कुछ दूसरों के पीछे लगने वाले होते हैं ,इनमें नेतृत्व करने का अभाव भी होता है | इनमें ठोस सोच की कमी होती है ,इस कारण कन्या राशि वाले इंसान पर कोई भी अपना प्रभाव बना लेता है | कन्या राशि वालों में अधिक जानकारी की चाहत होती है ,इस कारण ये कोई भी काम जिम्मेदारी से पूरा नहीं करते ,,बातों बातों में अपने ही विचार भूल जाते हैं , कन्या राशि में बुध की संवेदन क्षमता इस राशि में पाई जाती है | इस राशि के लोग हमेशा दूसरे के अधिकार के नीचे काम करते हैं| यह शरीर से रिष्ट पुष्ट होते हैं | कन्या राशि वाले कोमल दिल और अपनी सोच बदलने वाले होते हैं ,यह कई बार अपने विचारों पर कायम नहीं रहते | कन्या राशि का स्वामी बुध है ,इस कारण ये राशि दविस भाव की राशि है अतःकन्या राशि के लोग एक साथ कई काम शुरू कर करने के बाद ,काम को अधूरा भी छोड़ देते हैं |
कन्या राशि के अधीन शरीर के हिस्से |
कन्या राशि काल पुरुष कुंडली में छठे स्थान में आती है, इस भाव से पेट और हाजमा देखा जाता है | कन्या राशि का स्वामी बुध होने के कारण मज्ज़ा संस्था पर भी इस राशि का अधिकार है | कन्या राशि के जातकों के शारीरिक लक्षणों की बात करें, तो वे सामान्यतः होते हैं: सुंदर और स्वस्थ त्वचा, पतला शरीर, बड़ी और सुंदर आंखें, विचारशील और बुद्धिमान व्यक्तित्व इस राशि वालो का होता है |
कन्या राशि वालों से संबंधित बीमारियां|
कन्या राशि वालों की बीमारियों की बात करें, तो वे आमतौर पर अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेते हैं, लेकिन कभी-कभी उन्हें पेट संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। वे खासकर पेट की सफाई और आहार में सावधानी बरतने की आवश्यकता रखते हैं।कन्या राशि का अधिकार छठे भाव पर होने के कारण पेट की खराबी हाजमे की शिकायत और पाचन क्रिया में असंतुलित और उसके कारण होने वाले एसिडिटी, डिहाइड्रेशन, पेट दर्द जैसी बीमारियां, मज्जा की बीमारियां, मनोविकार और कई बार मंदबुद्धि भी इन जातकों में पाई जाती है |
कन्या राशि के अधीन निर्माण और कारोबार |
कन्या राशि के जातक कारोबार में भी सफलता प्राप्त कर सकते हैं, क्योंकि उन्हें विवेचनात्मक दृष्टिकोण और स्वयं की गलतियों को सुधारने की क्षमता होती है। वे अपने काम में संगठित और उत्साही रहते हैं और बुद्धिमानी से कठिनाइयों का सामना करते हैं।कन्या राशि पर बुद्ध का अधिकार होने के कारण स्टेशनरी, कटलरी, पेन, पेंसिल, स्याही अदि का कारोबार या निर्माण | कन्या राशि छठा भाव से संबंधित अतः खानपान की चीज, फल सब्जियां ,अनाज ,और कन्या राशि का अधिकार छठ भाव पर होने के कारण प्रमुखता से आयुर्वेदिक दवाएं का निर्माण कार्य भी कन्या राशि का है | कन्या राशि पर बुद्ध का अधिकार, इस कारण , शिक्षक, प्रोफेसर, लिखने वाले दो भाषीए , गणितज्ञ , ज्योतिषी, पोस्ट ऑफिस डिपार्टमेंट, समाचार पत्रों की छपाई की जगह ,फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट, अकाउंटेंट, किसी भी चीज पर व्याख्या करने वाले अक्षर तज्ञ , कन्या राशि छठवां बीमारी के भाव स्थान में आती है | इस कारण स्वास्थ्य विभाग, नर्सिंग, कम्पोडर ,अदि के कारोबार या नौकरी इस राशि के अधिकार में है| कन्या राशि का स्थान होता है छठे भाव में, जिसे दृष्टिगत रूप से सेवा भाव भी कहा जाता है। इस भाव में स्थित रहने से जातक को अपने समर्पण और सेवा-भाव की क्षमता मिलती है, जिससे वह अपने परिवार और समाज में सहारा बन सकते हैं
निष्कर्ष |
कन्या राशि वालों के व्यक्तित्व में विशेष गुण होते हैं जो उन्हें अद्वितीय बनाते हैं। यहाँ कुछ मुख्य निष्कर्ष हैं:
- बुद्धिमान और विचारशील: कन्या राशि के जातक बुद्धिमान होते हैं और विचारशील दृष्टिकोण रखते हैं। उन्हें छोटी बातों का भी महत्व होता है और वे अपनी बुद्धिमत्ता का उपयोग समस्त जीवन में करते हैं।
- संगठित और सावधान: कन्या राशि के जातक संगठित और सावधान होते हैं। वे अपने कार्यों को व्यवस्थित तरीके से करते हैं और अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में समर्थ होते हैं।
- सेवा भावना: कन्या राशि के जातकों में सेवा भावना बहुत उत्कृष्ट होती है। वे दूसरों की मदद करने में संतुष्टि प्राप्त करते हैं और सामाजिक सेवा में रुचि रखते हैं।
- विवेचनात्मक दृष्टिकोण: कन्या राशि के जातक विवेचनात्मक दृष्टिकोण रखते हैं और विवेचना के माध्यम से समस्याओं का समाधान निकालने में निपुण होते हैं।
- स्वस्थ और सावधान: शारीरिक रूप से, कन्या राशि के जातक सावधान रहते हैं और स्वस्थ जीवन जीने का प्रयास करते हैं। वे आहार और व्यायाम का ध्यान रखते हैं।
कुल मिलाकर, कन्या राशि के जातकों को उनकी प्रतिभा, बुद्धिमत्ता, और सेवाभाव की वजह से समाज में अद्वितीयता प्राप्त होती है।
Very good information sir
बहुत अच्छी जानकारी 🙏
अच्छा अनुभव