चतुर्थ स्थान ,[ चतुर्थ भाव, 4th हाउस ], से क्या-क्या देखा जाता है ?
चतुर्थ भाव |
काल पुरुष कुंडली में चतुर्थ स्थान में कर्क राशि आती है, जिसका स्वामी चंद्रमा है | इसलिए इस चतुर्थ भाव पर कर्क राशि और चंद्रमा का प्रभाव दिखाई देता है
चतुर्थ भाव से देखे जाने वाले शरीर के हिस्से |
1 चेस्ट एरिया[ वक्षस्थल] कुंडली में चतुर्थ भाव से छाती [ सीन ] देखा जाता है, जिसमें आत्मा का निवास माना गया है ,इसलिए हमारा निवास स्थानअर्थात हमारा घर भी इसी चतुर्थ स्थान से देखा जाता है | किसी भी साधारण इंसान के लिएअपना छोटा या वड़ा घर ही उसके सुख का स्थान होता है | इसलिए इस स्थान से सभी मनुष्यों के सुख के बारे में देखा जाता है | घर के सुख में जो जो भी चीज आती हैं ,वह इस स्थान से देखे जाते हैं जैसे वाहन का सुख, जमीन का ,खेती बाड़ी का सुख ,घर में बगीचे आदि का सुख ,इन सभी चीजों को इस चतुर्थ भाव से ही देखा जाता है | काल पुरुष कुंडली में चतुर्थ भाव में कर्क राशि आती है जिसका स्वामी चंद्रमा ग्रह है ,जो माता का कारक ग्रह माना गया है ,इसलिए इस चतुर्थ स्थान से माता का सुख भी देखा जाता है |
2 कृष्णमूर्ति पद्धति में चतुर्थ स्थान से शिक्षा देखी जाती है | इस भाव से किसी जातक की प्रॉपर्टी भी देखी जाती है | संसार में पैदा होने वाले किसी भी जातक का पहला गुरु उसकी मां होती है ,इसलिए शिक्षा को मात्र स्थान से देखना उचित है | वैदिक ज्योतिष में, पराशरी ज्योतिष में शिक्षा का स्थान पंचम भाव से देखा जाता है |
3 हमारे जिन महान ऋषियों ने हमारे हिंदू ज्योतिष शास्त्र की जानकारी दी, वे सभी अध्यात्म के मामले में महान थे , इसलिए उन्होंने जो बताए उसमें अध्यात्म दिखाई देता है | जो अध्यात्म है वह पंचम भाव से पूर्व जन्म के ज्ञान के कारण मिलता है | आत्मा और परमात्मा का ज्ञान होना ही सच्चा ज्ञान है ,मगर आजकल जो शिक्षा है वह आध्यात्म पर आधारित नहीं है | इसलिए प्राइमरी शिक्षा कोचतुर्थ भाव से ही देखा जाना चाहिए |
चतुर्थ भाव से देखी जाने वाली अन्य बातें |
चतुर्थ भाव से घर देखा जाता है, साथ ही घर के बगीचे, खेती बाड़ी, खेती का उत्पादन, पानी ,कंस्ट्रक्शन ,रेती , सीमेंट ,अदि इस भाव से देखे जाते हैं| यह प्राइमरी शिक्षा से संबंधित है, इसलिए स्कूल ,कॉलेज, स्कूल कॉलेज की क्लासेस ,शिक्षण संस्थान, शिक्षा मंडल, परीक्षा केंद्र, भी इसी भाव से देखे जाएंगे | चतुर्थ भाव से सुख भी देखा जाता है, इसलिए वाहन से संबंध सुख कार , मोटर, मोटरसाइकिल ,हवाई जहाज, जहाज अदि से जुड़ी संस्थाएं, यह सब इसी भाव से देखे जाएंगे | चतुर्थ भाव में पढ़ने वाली कर्क राशि ,जल से संबंधित है, इस कारण पानी, दूध, शरबत ,अदि चीजें भी इस भाव से देखी जाएगी| इस तरह कुल मिलाकर शिक्षा ,जमीन,खेती ,वाहन अदि सभी चीज इस चतुर्थ भाव से ही देखी जाती हैं |
चतुर्थ भाव से, आप से संबंधित लोगों को मिलने वाले फल |
क्योंकि छोटे भाई बहनों को हम तीसरे भाव से देखते हैं, इसलिए चतुर्थ भाव से भाई-बहन पड़ोसियों की माली हालत, उनके पास पैसा ,उनकी कमाई, इस भाव से देखी जा सकती है, और चतुर्थ भाव से माता का स्वास्थ्य ,माता का स्वभाव देखा जा सकता है | इस चतुर्थ भाव से संतान की विदेश यात्रा, पति-पत्नी या पार्टनर का लाभ और पिता या गुरु की दुर्घटना, उसका ऑपरेशन ,उनकी तकलीफ भी इस भाव से देखी जा सकती हैं | इसी चतुर्थ भाव से बड़े भाई बहन और दोस्तों की बीमारियां और उनका धन कमाना और उनकी शत्रुता ,उनका कर्ज, उनमें सेवा का भाव भी इस भाव से देखा जा सकता है |
चतुर्थ भाव से मिलने वाले विरोधी फल किस प्रकार होंगे |
चतुर्थ भाव पंचम भाव का व्यय स्थान होने के कारण ,पंचम भाव से देखे जाने वाले संतान और प्यार के मामले में विरोधी फल मिलेगा, जैसे संतान के मामले में गर्भपात का होना, संतान से बिछड़ जाना, या लव अफेयर में असफलता शेयर ट्रेडिंग ,या जुए में असफलता भी इस चतुर्थ भाव से देखी जा सकती है |
चतुर्थ भाव से देश,या राज्य की कुंडली में क्या देखा जा सकता है |
किसी देश या उसके राज्य की कुंडली से उसके चतुर्थ भाव से देश में होने वाले कंस्ट्रक्शन, गृह निर्माण, उस देश या उस राज्य के शिक्षा संस्थाओं, उस राज्य , उस देश की शिक्षा का स्तर ,उस देश द्वारा की गई सिंचाई की व्यवस्था, सिंचाई परियोजनाएं ,उस देश के जल के साधन, उस देश का कृषि विभाग ,खेती बाड़ी का उत्पादन, उस देश के वाहन ,हवाई जहाज और रॉकेट अदि का निर्माण और उसके देश में होने वाली बारिश की मात्रा ,जल के स्रोत ,को भी इसी चतुर्थ भाव से देखा जा सकता है |
चतुर्थ भाव से देखे जाने वाला घर में स्थान |
चतुर्थ भाव से घर में बच्चों का स्टडी रूम, घर में पानी रखने की जगह और घर में बोरिंग और घर में बहन खड़ा करने की जगह देखी जा सकती है |